हमारा दिमाग सबसे जटिल और रहस्यमय अंग है। विज्ञान के द्वारा इसकी जानकारी होने के बावजूद की दिमाग कैसे काम करता है,परंतु फिर भी यह एक Interesting Brain Fact है की इसे ठीक से आज तक कोई समझ नहीं पाया की कैसे दिमाग में विचार,इच्छाएं और सपने पैदा होते हैं।
दिमाग हमें सोचने समझने की शक्ति देता है Memories को Store करने, हमारे शरीर के अंगो को Automatic चलाने से लेकर बहुत से ऐसे काम करता है जिनकी जानकारी हमें होश में रहते हुए भी नहीं होती।
दिमाग कैसे काम करता है इसके बारे में Researcher हर दिन कुछ नया सीखते हैं। दिमाग के अद्भुत रहस्यों की जानकारी में neuroscience अभी भी अपनी starting stage में है, लेकिन यह दिन प्रतिदिन devloped हो रहा है।
क्या हमें यकीन है की हम अपने दिमाग को अच्छी तरह से जानते हैं। दिमाग की गहराई में जाने के लिए हमने विज्ञान द्वारा कुछ ऐसे ही Brain Facts को इस पोस्ट के जरिए आपको बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते है दिमाग के अद्भुत रहस्य - Interesting Brain Facts In Hindi.
गुस्से वाली आवाज पर जल्दी ध्यान देता है दिमाग
स्विट्जरलैंड में जिनेवा विश्विद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है की हमारा दिमाग सामान्य और खुशी वाली आवाजों की बजाय अक्रामक या खतरे वाली आवाजों पर जल्द ध्यान देता है। Social Cognitive And Affective Neuroscience Journal में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार हमारा ध्यान धमकी भरी आवाजों पर अधिक केंद्रित होता है ताकि संभावित खतरे के स्थान को स्पष्ट रूप से पहचानने में सक्षम हो सके।
Researchers ने दिखाया कि जब हम खतरा भांपते हैं तो हमारा दिमाग कैसे Resources का लाभ उठाता है। आंख और कान दो इंद्रियां है जो हमें खतरनाक परिस्थितियों का पता लगाने की अनुमति देती है। इनमें आंखे महत्वपूर्ण है लेकिन यह कानों की तरह आसपास की जगह के 360-degree की कवरेज नहीं कर सकती।
सुनने के दौरान खतरों को लेकर दिमाग की प्रक्रिया की जांच करने के लिए Researchers ने 22 मानव आवाज कि Short Sounds (600 मिली सेकंड) को 35 प्रतिभागियों के सामने प्रस्तुत किया जो तथस्थ उच्चारण (Neutral Pronunciation) थे या क्रोध या खुशी व्यक्त करते थे।
EEG के द्वारा दिमाग के सुनने की शक्ति से संबंधित इलेक्ट्रो फिजियोलॉजिकल घटकों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस अध्ययन में पहली बार प्रदर्शित हुआ की कुछ 100 मिली सेकंड में हमारा दिमाग खुशी और समान्य आवाजों की बजाय गुस्से वाली आवाजों की प्रति अधिक संवेदनशील है। वैज्ञानिकों ने कहा की गुस्से में संभावित खतरे का संकेत हो सकता है यही कारण है कि दिमाग लंबे समय तक इस तरह की उत्तेजना का विश्लेषण करता है।
क्या मरने के बाद भी काम करता है दिमाग
जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा यह भी एक Interesting Brain Fact है की दिमाग मरने के बाद भी काम करता है। न्यूयॉर्क के Stony Brook University School Of Medicine के डॉक्टरों ने एक नए शोध में दावा किया है कि मरने के बाद भी इंसान का दिमाग कुछ वक्त तक काम करता रहता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि दिल के रुकने के कुछ पल बाद तक दिमाग की गतिविधियां जारी रहती है तथा चेतना बनी रहती है।
डॉक्टर ने दावा किया कि दिल के रुकने के बाद दिमाग के Cerebral Cortex अर्थात सोचने वाले हिस्से की सक्रियता धीमी पड़ने लगती है लेकिन दिल के बंद होने के बाद भी दिमाग की ये कोशिकाएं घंटो बाद तक सक्रिय बनी रह सकती है।
हम अभी तक यही जानते हैं कि जब किसी की मौत होती है तो शरीर में खून का प्रवाह रुक जाता है और इस वजह से दिमाग में Oxigen की कमी हो जाती है इस दौरान Cerebral Ischemia की स्थिति पैदा हो जाती है जिससे रासायनिक अवयव कम हो जाते हैं और दिमाग में Electrical Activity पूरी तरह खत्म हो जाती है।
वैज्ञानिक मौत की इस प्रक्रिया को अच्छे से समझाना चाहते थे इसलिए वैज्ञानिकों ने जब इंसान और पशु दोनों के ही दिमाग का अध्ययन किया तो पाया कि दोनों के ही दिमाग मौत के वक्त एक ही तरीके से काम कर रहे थे।
वैज्ञानिकों ने गंभीर अवस्था में पड़े कुछ मरीजों के दिमाग की न्यूरोलॉजिकल गतिविधियों की निगरानी की इस दौरान डाक्टरों ने वैज्ञानिकों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि किसी भी मरीज को बेहोशी से वापस लाने के लिए इलेक्ट्रोड ने दी जाए।
वैज्ञानिकों ने पाया कि 9 में से 8 मरीजों के दिमाग उनकी मौत को टालने की कोशिश कर रहे थे उन्होंने पाया कि दिल की धड़कन रुकने के बाद भी दिमाग की कोशिकाएं और न्यूरान काम कर रहे थे।
आलसी है हमारा दिमाग
कुछ वैज्ञानिकों का कहना है हमारा दिमाग प्राकृतिक रूप से आराम करने को प्राथमिकता देने के लिए ही बना है। हम शुरू से ही सुनते हैं कि अपने शरीर को एक्टिव रखो तंदुरुस्त रखो परंतु आंकड़े बताते हैं कि पक्के इरादों के बावजूद यह सच्चाई है कि वास्तव में शारीरिक रूप से हम पहले से कम Active हो रहे हैं।
आप खुद चेक करें Exercise करने के लिए आपको खुद पर बहुत जोर देना पड़ता है या आपका मन Exercise करने को जरा भी नहीं करता है तो इसका असली दोषी आपका दिमाग हो सकता है।
Physical Inactivity को रोकने के लिए किए गए सभी प्रयासों के fail होने का कारण वे दिमागी प्रक्रियाएं हो सकती हैं जो आपके Gradual Development के दौरान और ज्यादा विकसित या मजबूत हो गई हैं।
अध्ययन के लिए युवाओं को कंप्यूटर पर Onscreen Avtar दिया गया फिर उन्हें स्क्रीन पर Physical Activity और Physical Inactivity दर्शाती फोटो दिखाई गई। पहले उनसे कहा गया कि Activity वाली फोटो देखने पर जितनी जल्दी हो सके उन्हें अपने Avtar को उसके पास ले जाना है और Inactivity वाली फोटो से दूर करना है इसके बाद उन्हें इसका ठीक उल्टा करने को कहा गया। इलेक्ट्रोड के माध्यम से उनके दिमाग में जारी गतिविधियों को दर्ज किया गया।
इसमें मिले आंकड़ों से पता चला कि Physical Activity के पास अपने Avtar को ले जाने के लिए दिमाग को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। इससे पता चलता है कि शारीरिक गतिविधियों से बचने के प्रयास की एक कीमत चुकानी पड़ती है क्योंकि इससे दिमाग पर दबाव बढ़ता है यह नतीजे बताते हैं कि हमारा दिमाग आलसी गतिविधियों की ओर अपने आपको आकर्षित करता है।
दिमाग प्यार में अधिक सक्रिय रहता है
दिमाग के रोचक तथ्य के अनुसार यह सच है की प्यार करने वालों का दिमाग ज्यादा सक्रिय रहता है। क्योंकि जो लोग प्यार में होते हैं वह एक अलग ही आनंद और दुनिया में होते हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने अपने अकादमी जीवन को यह पता लगाने की कोशिश में बिताया कि प्यार करने वालों के दिमाग में क्या चल रहा है।
शोध में उन्होंने पाया कि जब कभी प्यार करने वाले अपने प्रेमी या कोई स्नेह की वस्तु पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो दिमाग के कई हिस्से चमकने लगते हैं।
उन्होंने पाया कि प्यार में पड़े लोगों में Cortex (दिमाग का एक हिस्सा) बहुत सक्रिय हो जाता है। Dopamine और Norepinephrine के उत्पादन से जुड़े दिमाग के क्षेत्र प्रकाशमान हो जाते हैं। ये दोनों रसायन उत्तेजना और आनंददायक गतिविधि से जुड़े हैं।
जब भी प्रेमी आपस में बात करते हैं मिलते हैं तो यह दोनों रसायन काफी सक्रिय हो जाते हैं जिससे उन्हें काफी आनंद की प्राप्ति महसूस होती है। तभी तो प्रेमी रात भर बातें करते रहते हैं या फिर सुबह तक करते ही रहते हैं। नौकरी और जीवनशैली बदलते हैं यहां तक कि एक दूसरे के लिए मरने को भी तैयार हो जाते हैं। क्यों है ना यह भी एक Interesting Brain Fact.
तनाव आपके दिमाग के आकार को बदल सकता है
तभी तो कहा जाता है कि ज्यादा टेंशन नहीं करनी चाहिए। लगातार किए गए तनाव से हमारे Brain का आकार बदल सकता है। कुछ अध्ययनों में तनाव के कारण दिमाग के आकार में कमी के संकेत मिले हैं यह सोचना बहुत डरावना है कि लंबे समय तक तनाव लंबे समय तक हमारे दिमाग को प्रभावित कर सकता है।
अध्ययन में पाया गया कि जिन जानवरों में लंबे समय से तनाव था, उनके दिमाग में Hippocampus (स्मृति निर्माण का एक अभिन्न अंग) वास्तव में सिकुड़ गया था
एक अन्य अध्ययन बंदरों पर किया गया था जिन्हे इनके माताओं से अलग कर दिया गया था और 6 महीने तक उनके साथियों ने उनकी देखभाल की थी कई महीनों तक सामान्य समाजिक परिस्थितियों में रहने के बाद भी तनाव से जुड़े उनके मस्तिष्क के क्षेत्र अभी भी बढ़े हुए थे।
बहुत अधिक तनाव मस्तिष्क की कोशिकाओं मस्तिष्क संरचना और दिमाग के कार्य को बाधित करता है।
नींद से दिमाग की कार्यशक्ति बढ़ती है।
इसका मतलब यह नहीं कि सारा दिन सोते ही रहो। हम सभी जानते हैं कि नींद हमारे दिमाग के लिए बहुत जरूरी है लेकिन कितनी जरूरी है यह आप नहीं जानते। अक्सर नींद की छोटी-छोटी झपकियां वास्तव में फायदेमंद होती है और यह दिमाग के कार्य क्षमता को बढ़ा सकती है यह Memory Power में सुधार करने में मदद करता है और सीखने को बेहतर बनाता है।
हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार झपकी के दौरान दिमाग का दाहिना हिस्सा बाएं हिस्से की तुलना से ज्यादा सक्रिय होता है। जबकि हम जानते हैं कि 95% लोग दाएं हाथ से काम करते है उनके मस्तिष्क का बायां भाग सबसे प्रभावशाली होने के साथ दाहिना भाग हमेशा नींद के दौरान अधिक सक्रिय गोलार्ध (Active Hemisphere) होता है।
बायां भाग सक्रिय होने में कुछ समय लेता है लेकिन आपका दायां भाग आपकी बेकार की Memories को जिसे आपका दिमाग कहता की इसे Temporary Storage Area में रखने कोई फायदा नहीं है को Delete करता है। कुछ जानकारी को long Term Storage में रखता है। दिन की आपकी सभी यादों को मजबूत करता है। Interesting brain fact के अनुसार नींद की कमी आपकी नई यादें बनाने को क्षमता को सीमित और प्रभावित कर सकती है।
एक बल्ब जगाने जितनी दिमागी शक्ति
यह एक Amazing Brain Fact है की हमारा दिमाग इतनी शक्ति पैदा करता है की उससे 12 से 25 वाट का बल्ब जल सकता है। चलिए इसे समझते हैं की कैसे...
हमारे दिमाग को Resting Metabolic Rate (RMR) के 20% की आवश्यकता होती है - यदि औसत Resting Metabolic Rate 1300 किलो कैलोरी है तो मस्तिष्क केवल अपने लिए 260 किलो कैलोरी का उपभोग करता है।
इसके हिसाब से 1300 किलो कैलोरी प्रतिदिन तो प्रतिघंटे की हो गई 54.16 किलो कैलोरी। ग्राम में convert करें तो 54160 ग्राम कैलोरी प्रतिघंटा
इसका मतलब है कि आपका दिमाग करीब 12 वाट बिजली पैदा करता है यह 25 वाट तक जा सकता है यदि आपका मस्तिष्क किसी गहन कठिन कार्य पर काम कर रहा है यह कम शक्ति वाले एलइडी लैंप को बिजली देने के लिए पर्याप्त है।
Albert Einstein brain fact
अलबर्ट आइंस्टीन के दिमाग पर वैज्ञानिकों ने काफी शोध की है अपनी मृत्यु से पहले आइंस्टीन ने अनुरोध किया था कि उनके शरीर का पूरी तरह से अंतिम संस्कार किया जाए लेकिन Princeton University के पैथोलोजिस्ट Thomas Soltez Harvey ने ऑटोप्सी के दौरान उनका दिमाग निकाल दिया और उसे 40 साल तक एक बेसमेंट जार में रखा
उन्होंने मस्तिष्क के टुकड़े-टुकड़े करके अलग-अलग वैज्ञानिकों के पास अलग-अलग अध्ययन के लिए भेजा 1999 में उन्होंने पाया कि आइंस्टीन के मस्तिष्क में Parietal Lobe में असामान्य मोड थे मस्तिष्क का एक हिस्सा गणितीय और स्थानिक क्षमताओं से जुड़ा था इसके अलावा उनके मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में न्यूरॉन्स की तुलना में अधिक Glial Cells थी।
दिमाग की Memory Storage की शक्ति
दिमाग में लगभग 1 बिलियन न्यूरॉन्स होते हैं और प्रत्येक न्यूरॉन्स अन्य न्यूरॉन्स के साथ लगभग 1000 कनेक्शन बनाता है वह इस तरह से गठबंधन करते हैं कि उनमें से प्रत्येक एक ही समय में कई यादों के साथ मदद करता है, दिमाग स्मृति की मात्रा को 2.5 पेटाबाइट्ज मैं तेजी से बढ़ाता है।
इसका मतलब है कि आपका दिमाग 30 लाख घंटे के टीवी शो स्टोर कर सकता है उस सभी स्टोरेज का उपयोग करने के लिए आपको टीवी को 300 से अधिक वर्षों तक चालू रखना होगा
50 Interesting Facts About Brain
इसके इलावा भी हमारे दिमाग के बहुत से ऐसे Interseting Facts है जिन्हें आप सुन कर आश्चर्यचकित हो सकते हैं जैसे...
- हमारा दिमाग 100 अरब न्यूरॉन से बना है। प्रत्येक न्यूरॉन्स के लिए भी 1000 से 10000 सिनेप्स होते हैं
- दिमाग 60% सफेद पदार्थ और 40% ग्रे पदार्थ से बना है। मस्तिष्क का ग्रे पदार्थ न्यूरॉन्स से बना होता है जो संकेतों को इकट्ठा और प्रसारित करता है।
- दिमाग में 100000 किलोमीटर तक रक्त वाहिकाएं होती है।
- आपका दिमाग शरीर में कुल अक्सीजन का 20% उपयोग करता है
- प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान न्यूरॉन्स प्रति मिनट 250000 न्यूरॉन्स की दर से विकसित होते हैं।
- एक नवजात शिशु का दिमाग पहले साल में अपने आकार से लगभग 3 गुना बड़ा हो जाता है।
- जोर से पढ़ना और अक्सर बच्चे से बात करना उसके मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देता है।
- जो बच्चे 5 साल की उम्र में पहले 2 भाषाएं सीख लेते हैं उनके मस्तिष्क की संरचना बदल जाती है और व्यस्को के तरह उन में ग्रे मैटर का घनत्व अधिक होता है।
- ऑक्सीजन की तरह ही आपके शरीर में घूमने वाले रक्त का 20% मस्तिष्क उपयोग करता है।
- अगर आपका दिमाग 8 से 10 सेकंड के लिए खून खो देता है तो आप होश खो बैठते हैं।
- ऐसा माना जाता है कि उबासी मस्तिष्क को ठंडा करने और उसे जगाने के लिए अधिक ऑक्सीजन भेजती है।
- दिमाग बिना ऑक्सीजन के 4 से 6 मिनट तक जीवित रह सकता है और फिर यह मरने लगता है 5 से 10 मिनट तक ऑक्सीजन न मिलने से मस्तिष्क को स्थाई क्षति होती है।
- दिमाग के लिए मल्टीटस्क करना असंभव है। हम जो कर रहे हैं उसे कॉन्टेक्स्ट स्विचिंग कहा जाता है एक ही समय में उन सभी को करने के बजाय विभिन्न क्रियाओं के बीच त्वरित रूप से स्विच करना।
- दिमाग का अपना एक एंजॉयमेंट सेंटर है यह हमें बताता है कि जब कुछ सुखद है तो आनंददायक क्रिया करने की इच्छा को बढ़ाता है। जिसमें सेक्स से लेकर हंसी मजाक से लेकर वशिष्ठ प्रकार के नशीली दवाओं के उपयोग तक सभी प्रकार के सुख शामिल है।
- चॉकलेट की महक दिमाग की थीटा ब्रेनवेव्स को बढ़ाती है। जो विश्राम को प्रेरित करती हैं। यह अल्फा और बीटा तरंग गतिविधि को भी बढ़ाता है।
- औसतन वयस्क मस्तिष्क का वजन 1.2 किलोग्राम और 1.4 किलोग्राम के बीच होता है यहां शरीर के वजन का लगभग 2%।
- दिमाग में ड्राई वेट 60% सेट होता है जो आपके दिमाग को सबसे मोटा अंग बनाता है।
- आप की खोपड़ी की सामग्री का लगभग 80% मस्तिष्क है और बाकी द्रव है।
- मनुष्य का दिमाग कठोर नहीं होता यह नरम जिलेटिन के समान नरम और मुलायम होता है और यह बहुत नाजुक होता है।
- अल्बर्ट आइंस्टीन सहित कई लोग गलती से यह कहते हैं कि हम अपने दिमाग का केवल 10% उपयोग करते हैं परंतु सच्चाई यह है कि हम मस्तिष्क के लगभग हर भाग का उपयोग करते हैं मतलब 100% और अधिकांश भाग हर समय सक्रिय रहते हैं नींद के दौरान भी अधिकांश कोशिकाओं का उपयोग चेतन गतिविधियों जैसे हृदय गति सपने आदि को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
- शराब मुख्य रूप से नई लंबी यादें बनाने की क्षमता को कम करती है शराब के सेवन की मात्रा में वृद्धि के साथ स्मृति दुर्बलता की मात्रा भी बढ़ जाती है अगर आप शराब पी रहे हैं और आपको याद नहीं है कि कल रात क्या हुआ था तो ऐसा इसलिए नहीं है कि आप भूल गए शरीर में शराब ने आपके दिमाग को यादें बनाने में असमर्थ बना दिया है।
- मस्तिष्क की जानकारी विभिन्न प्रकार की तंत्रिका कोशिकाओं के भीतर अलग-अलग गति से फैलती है। यह सिग्नल लगभग 1.5 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से या लगभग 430 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा कर सकते हैं। इसके अलावा तंत्रिका कोशिकाएं प्रति सेकेंड 1000 तंत्रिका आवेगों को प्रसारित कर सकती हैं।
- डायहेमिसफेयर दिमाग का वह भाग है जिसका मनुष्य में सबसे बड़ा विस्तार है यह दिमाग का सबसे बड़ा हिस्सा होता है जो दिमाग के वजन का 85% है।
- खुशी डर और शर्म जैसी भावनाएं पैदा करने की क्षमता जन्म के समय ही विकसित हो जाती है।
- विकसित होने वाली पहली इंद्रियां स्पर्श है। होंठ और गाल गर्भधारण के लगभग 8 सप्ताह में स्पर्श का अनुभव कर सकते हैं और शेष शरीर लगभग 12 सप्ताह में स्पर्श का अनुभव कर सकता है।
- नियोकोर्टेक्स मानव दिमाग का लगभग 70% हिस्सा बनाता है और भाषा और चेतना के लिए जिम्मेदार है मानव नियोकॉर्टेक्स अन्य जानवरों की तुलना में बहुत बड़ा है।
- आप अपने आपको गुदगुदी नहीं कर सकते क्योंकि दिमाग बाहरी स्पर्श और अपने स्पर्श के बीच अंतर करता है।
- दुनिया के चौथे सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर जो कि जापान द्वारा विकसित है को मानव मस्तिष्क गतिविधि के सिर्फ 1 सेकंड का अनुकरण करने में 40 मिनट लगे।
- WHO के अनुसार लंबे समय तक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर का खतरा काफी बढ़ जाता है
- आप किसी के चेहरे को देखकर बता सकते हैं कि यह अच्छे मूड में है,उदास, क्रोध या खुशी महसूस कर रहा है। मस्तिष्क का एक छोटा क्षेत्र जिसे अमिगडाला कहा जाता है चेहरे के भावों द्वारा दिए गए संकेतों से किसी की भावनाओं का पता लगाने की हमारी क्षमता के लिए जिम्मेदार है।
- मानव मस्तिष्क भी एक रेडियो ट्रांसमीटर है जो एक मापने योग्य विद्युत तरंग भेजता है। वास्तव में वह मृत्यु के 37 घंटे बाद तक इन संकेतों को भेजता रहता है।
- वैज्ञानिकों ने पाया है कि पुरुषों और महिलाओं का दिमाग दर्द के प्रति अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है।
- पुरुष के बजाए महिलाएं दिमागी निर्णय लेने में अधिक समय लेती है।
- हर बार जब आप एक नई समृद्धि या विचार को याद करते हैं तो आप अपने मस्तिष्क में एक नया संबंध बना रहे होते हैं।
- सुगंध से शुरू होने वाली यादों में एक मजबूत भावनात्मक संबंध होता है इसलिए वे अधिक तेज दिखाई देती है।
- दिमाग कभी भी बदलना बंद नहीं करता वह स्थिति और विचारों के अनुसार खुद को बदलता रहता है।
- ज्यादातर लोग रात में लगभग 1 से 2 घंटे सपने देखते हैं और हर रात औसतन 4 से 7 सपने देखते हैं।
- सपने के 5 मिनट बाद आधा सपना भूल जाता है एक सपने के 10 मिनट बाद 90% से अधिक लोग भूल जाते हैं। यदि आप उन्हें याद रखना चाहते हैं तो सपनों को तुरंत लिख ले।
- नींद के दौरान शरीर एक हार्मोन का उत्पादन करता है जो सपनों के शारीरिक निष्पादन (Physical Execution) को रोक सकता है जिससे आप व्यवहारिक रूप से लकवा ग्रस्त हो जाते हैं।
- नींद में अगर आप खराटे ले रहे हैं तो आप सपना नहीं देख रहे होते।
- हमारे दिमाग में दर्द के रिसेप्टर्स नहीं होते और दिमाग दर्द महसूस नहीं कर सकता।
- औसत मस्तिष्क 1 दिन में 25000 से 50000 विचार उत्पन्न करता है। इनमें से 70% विचार नकारात्मक होते हैं।
- आपके दिमाग में प्रति सेकेंड 100000 से अधिक रसायनिक प्रतिक्रियाएं होती है।
- कुछ नया सीखने से सिर्फ 7 दिनों में दिमाग बदल जाता है। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि नई चीजें सीखने से मस्तिष्क को बहुत जल्दी बदलने में मदद मिलती है।
- जब हम पलक झपकते हैं तो हमारा दिमाग उस छवि को बनाए रखता है जिससे हम देखते थे ताकि पूरी दुनिया बंद ना हो जाए और हम दिन में लगभग 20000 बार पलक झपकते हैं।
- चुटकुले या मजाक पर हंसना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि इसके लिए मस्तिष्क के पांच अलग-अलग क्षेत्रों में गतिविधि की आवश्यकता होती है।
- महान अरस्तु ने गलती से यह सोचा था कि दिमाग के काम हृदय में होते हैं
- लेनिन की मृत्यु के बाद उनके मस्तिष्क का भी अध्ययन किया गया और एक विशेष क्षेत्र में असामान्य रूप से बड़े और कई न्यूरॉन्स पाए गए जो उनकी "असाधारण रूप से तेज और मर्मज्ञ प्रक्रियाओं (penetrating procedures) के लिए जिम्मेदार थे" जिसके लिए वह प्रसिद्ध थे।
- पुरातत्व विभाग को 2000 ईसा पूर्व में ब्रेन सर्जरी के प्रमाण मिले हैं।
- मानसिक गतिविधि के जवाब में मनुष्य अपने पूरे जीवन में नए न्यूरॉन्स बनाते रहते हैं। सालों से पेशेवरों का मानना था कि टिनिटस (कान में बजना) कान यांत्रिकी के एक आंतरिक कार्य के कारण होता है लेकिन हाल के अध्ययनों से पता चला है कि यह वास्तव में मस्तिष्क का एक कार्य है।
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