asafalta ke karan

जीवन में सफलता के झंडे कौन नहीं गाड़ना चाहता? प्रत्येक व्यक्ति के सपने योजनाएं और इच्छाएं होती है। लोगों की सबसे बड़ी इच्छा यह होती है कि वे Life में ज्यादा से ज्यादा Success हो। यह इच्छा जितनी आकर्षक है उतना ही कठिन इसे पूरा करना।

ऐसे में सवाल लाजमी है कि ऐसे कितने लोग हैं जो अपनी इस सबसे बड़ी तमन्ना को पूरा कर पाते हैं। बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि ऐसे लोगों की संख्या कम से कम होती है जो अपनी इस आकांक्षा को पूरा कर पाते हैं।

ऐसे लोग अपनी इच्छाओं को अक्सर मारकर जीवन जीते हैं। प्रश्न उठता है कि अपने आप से बैर पालकर लोग जीवन की गाड़ी बेमन से क्यों खींचते चले जाते हैं और उन्हें यह पता नहीं चलता की असफलता के कारण क्या है।

यह काफी हद तक इस Fact के कारण होता है कि लोग अपना आराम क्षेत्र (Comfort Zone) छोड़ने से डरते हैं और आगे बढ़ने के साथ Life में आने वाली Problems का सामना करने से बचते हैं। यहां यह समझना जरूरी है कि ऐसे कौन से जीवन में असफलता के कारण (Reasons For Failure In Life) हैं जिनके आधार पर आदमी तमाम Positive Situations के बावजूद सफलता की बुलंदी पर नहीं पहुंच पाता। 

अलग दिखने का डर

कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो नई शुरुआत करके लोगों से अलग दिखने के डर के कारण कुछ नहीं कर पाते। उनके मन में यही डर रहता है कि ' लोग क्या कहेंगे'। लोगों को यह पसंद नहीं आता जब आप बदलते हैं या ऐसे काम करते हैं जिससे उन्हें Discomfort महसूस होता है।

आखिरकार आपकी सफलता उन्हें अपनी विफलताओं के बारे में सोचने पर मजबूर करती है। इसलिए अधिकांश लोग आपके कामों पर आक्रामक प्रतिक्रिया (Aggressive Response) देंगे वह आपको अजीब, पागल, स्वार्थी, अहंकारी, गैर जिम्मेदार, मूर्ख, असभ्य, असुरक्षित, मोटा और बदसूरत कहेंगे।

शायद आप के सबसे करीबी लोग आपके प्रति सबसे क्रूर होंगे। यदि आप अपने विचारों और इच्छाओं में पूरी तरह से Confident नहीं है तो आप बहुत आगे नहीं बढ़ पाएंगे। क्योंकि लोग आपको Reality में वापस लाने के लिए कुछ भी करेंगे और आपसे एक सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करेंगे। मैं ये काम करूंगा तो लोग क्या कहेंगे के डर के कारण ही कुछ लोग को जीवन में असफलता मिलती हैं।

खुद को कमजोर मान लेना

जीवन में सफलता और असफलता की बात आती है तो इस लड़ाई में अक्सर लोग बिना पूरी तरह लड़े ही हार मान लेते हैं। दरअसल वे शुरुआत से ही हारे हुए दिलों दिमाग से जिंदगी की इस जंग में उतरते हैं। ऐसे लोगों को अगर जिंदगी में हार मिल जाती है तो वे सपाट से उत्तर देते हैं कि क्या करूं?मैं इस उपलब्धि के लायक ही नहीं था।

ऐसे लोग सफल व्यक्तियों के Positive Side का उदाहरण नहीं देते। वे सिर्फ असफलता के कारणों को ही बढ़ा चढ़ा कर बखान करते रहते हैं। इनमें वे खुद को भी शामिल कर लेते हैं। ऐसे लोग मानकर चलने लगते हैं कि उनमें सफल होने का सामर्थ्य ही नहीं है।

कहा जाता है कि हमारा मस्तिष्क यां तो एक बहुत आज्ञाकारी नौकर हो सकता है या फिर एक निर्दयी मालिक। हम जैसा सोचते हैं वैसा ही बन जाते हैं इसलिए कोशिश अच्छा सोचने की ही की जानी चाहिए

हमेशा खुद को सही साबित करने की कोशिश

खुद को सुधारने की बजाय यह साबित करने की इच्छा की आप सही है, तो असफलता का आपके Life में आना पक्का है। Success होने के लिए आपको अपने बारे में सुनना भी पड़ेगा। जो लोग पुनर्विचार करने के बजाय मरना पसंद करते हैं वे अक्सर लोगों की प्रतिक्रिया (Feedback) स्वीकार नहीं करते हैं।

इसीलिए वह कभी नहीं बदलेंगे। जानकारी को ध्यान में रखने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है। भले ही हम इस उपयोगी मानते हो या नहीं आपको हर कीमत पर अपनी स्थिति का बचाव करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

केवल यह दिखाने के लिए कि आप इस समय सही थे। हर परिस्थिति में खुद को सही साबित करना जहां अगर आप गलत भी हो तो भी, तो आपके जीवन में असफलता निश्चित है।

Competition

आज के टाइम पर Competition बहुत बढ़ गया है हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ता है। दिक्कत सिर्फ यह है कि अक्सर लोग कंपटीशन के किसी भी क्षेत्र में उतरने से पहले ही मान लेते हैं कि इस क्षेत्र में तो बहुत सारे काबिल लोग हैं मैं कहां-कहां टीकूंगा। बस इतना सा Negetive सोच लेने से हमारे सफलता प्राप्त करने की इच्छा का दम निकल जाता है।

ऐसे में हमारी इच्छा सफलता के पहले पायदान पर चढ़ने के पहले ही मर जाती है। जबकि होना यह चाहिए कि यदि Competition की स्थिति हो तो हम ज्यादा से ज्यादा मेहनत से कोशिश करें। ऐसे मौके पर प्रसिद्ध कवि डॉ हरिवंश राय बच्चन द्वारा कही गई यह बहुत ही सुंदर पंक्तियां याद आती है
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती तूफान से डरकर नौका कभी पार नहीं होती।

ज्ञान की कमी होना

कुछ लोग सफल लोगों से Inspired होकर काम तो शुरू कर लेते हैं परंतु उन्हें उस काम के प्रति ज्यादा ज्ञान नहीं होता कुछ time बाद उनका व्यवसाय या लक्ष्य प्राप्ति का जज्बा ज्ञान की कमी के कारण धीमा पड़ जाता है और अंत में विफलता हाथ लगती है।

लगातार ज्ञान प्राप्त करते रहना और उस कार्य के प्रति Training से गुजरते रहना ही मंजिल तक बढ़ने का साधन है। जब तक आप सब कुछ जान ना लें तब तक आराम से ना बैठें।

आपके पास पहले से मौजूद Resources का सक्रिय रूप से उपयोग करना शुरू करें। किसी की बातों में आकर खोला गया व्यवसाय या कोई भी काम जिसमें आपकी रुचि नहीं है तो जीवन में असफलता मिलना संभव है।

काम के प्रति उदासीनता

बहुत से लोग किसी काम को अपनी पूरी ताकत से करने से डरते हैं क्योंकि वह समझते हैं कि वह असफल हो सकते हैं तो वह उदासीनता के वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। वास्तव में कुछ भी इन लोगों को प्रेरित नहीं करता

वे स्वयं को किसी भी उद्देश्य परियोजना या लक्ष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित करने में झिझकते हैं। उनमें से कई लोग बहुत जल्दी हार मान लेते हैं अन्य लोग बस Interest खो देते हैं और बहुत के पास शुरू करने के लिए भी पर्याप्त ताकत नहीं है।

यदि आप सफल होना चाहते हैं तो इसे दूर करना होगा आपको किसी भी चीज से विचलित हुए बिना ध्यान केंद्रित करने और दृढ़ता से इच्छित लक्ष्य तक जाने की आवश्यकता है। अगर आप शुरुआत में ही अपने काम के प्रति उदासीन हो जाएंगे तो असफलता ही मिलेगी।

दिमाग का ज्यादा विचलित होना

कुछ लोग अपने सपने को साकार करने के लिए काम तो शुरू करते हैं परंतु उन्हें बहुत सी चीजें विचलित करती रहती हैं उनका दिमाग अपने लक्ष्य पर नहीं रहता।

जैसे काम करते-करते आप कोई News देखते हैं तो विचलित (distracted) हो जाते हैं और फिर Social Network पर चले जाते हैं और कुछ Posts पर Comments करना शुरू कर देते हैं और अंत में आपने जो शुरू किया था उसे कभी पूरा ही नहीं किया।

क्या आपने स्वयं को पहचाना यह कोई ऐसी चीज नहीं है जिस पर आप अपना समय बर्बाद कर सके हैं ना। दिमाग का दूसरी चीजों या अन्य बातों में विचलित रहने के कारण वे अपने शुरू किए गए कार्य पर समय देना बंद कर देते हैं और अंत में असफलता ही हाथ लगती है।

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दूसरों के प्रति ईर्ष्या की भावना

हम उन लोगों से ईर्ष्या (jealousy) करते हैं जो हमसे कहीं गुना अधिक सफल है। हम वास्तव में उनके जैसा बनना चाहते हैं लेकिन फिर भी हम स्वयं ही बने रहते हैं। हमारे अंदर अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत हो जाती है।

हम खुद को कष्ट देने लगते हैं। हमारे मन में अप्रिय विचार अपने आप घर कर जाते हैं वह क्यों और मैं क्यों नहीं। मानो इस दुनिया में खुशियों की आपूर्ति सीमित है और कोई इसका अधिक हकदार है और कोई कम।

हम यह नहीं सोचते कि जिससे हम ईर्ष्या करते हैं उसकी सफलता के पीछे क्या है। शायद वह खुद पर कड़ी मेहनत कर रहा है, हो सकता है कि वह दिन में 18 घंटे काम करता हो और कम सोता हो, शायद वह इतना अकेला है कि उसकी जिंदगी में काम के अलावा कुछ नहीं है।

ऐसी कई बातें हो सकती है। परंतु हम अपने काम पर ध्यान देने की बजाय दूसरों पर jealousy का भाव रखकर कुछ भी नहीं करते जिससे जीवन में असफलता ही हाथ लगती है।

निर्णय लेने की कमी

किसी भी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दिलो दिमाग में Passion होना आवश्यक है। अगर आपमें समय समय पर किसी भी स्थिति में अच्छा या बुरा निर्णय लेने की ताकत है तो आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।

परंतु अगर आप Situation के अनुसार कोई decision नहीं ले पाते हैं और आपके पास अपने लक्ष्य तक पहुंचने का कोई plan नहीं है और न ही Time Management का कोई ज्ञान है तो आपके जीवन में असफलता निश्चित है।

गलत जीवन साथी का चुनाव

शादी Life में होने वाली सबसे महत्वपूर्ण घटना है। इसके बाद आपका सारा जीवन बदल जाता है। एक Life Partner आपको मिल जाता है जो आपके हर फैसले में आपका साथ देता है ताकि दोनो मिल कर आगे बढ़ सकें।

परंतु अगर जीवनसाथी से ना बने और वो आपके मकसदों और लक्ष्यों की परवाह नहीं करता तो भी जिंदगी में असफलता ही हाथ लगती है। क्योंकि शादी के बाद पति पत्नी की आपसी राय अगर एक दूसरे से भिन्न है तो आप अपने लक्ष्य की तरफ ध्यान नहीं दे पाएंगे।

आप सिर्फ शादीशुदा जिंदगी में चल रही अनबन को सुलझाने के लिए सारा समय और ऊर्जा खो देते हैं। जीवन में सफल होने के लिए एक समझदार और हर परिस्थिति में साथ देने वाला जीवनसाथी ही आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने में साथ दे सकता है। इसलिए अगर शादी का विचार बना रहे हैं तो शादी से पहले premarital counseling जरूर करवाएं ताकि आप दोनो मिल कर जीवन में सफल हो सकें।

माता-पिता का दबाव

हमारे भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने माता-पिता एवं बुजुर्गों के बताए रास्ते पर चलकर पूरी Life बिता देते हैं। अपनी मनमर्जी का काम करने की इच्छा का दम घोंट देते हैं और खुद भी जीवन भर घुटते रहते हैं।

किसी व्यक्ति की हार्दिक इच्छा होती है कि वह खाने या तरह तरह के व्यंजन बनाने की लाइन जैसे कि होटल में एक अच्छा शेफ बने। लेकिन माता-पिता के दबाव के कारण उसे क्लर्की कर लेनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में उसका पूरा जीवन धूल भरी फाइलों में कैद होकर रह जाता है।

ऐसी क्लर्की दूसरों को भले आकर्षक लगे लेकिन जिसका मन इस काम में नहीं रमता वो इसे बोझ समझ कर ही करता है। कहा जाता है कि जहां नहीं चैना वहां नहीं रहना। मगर माता-पिता के दबाव में आए लोगों को वह सारे काम करने पड़ते हैं जिन्हें करने की उनकी कोई इच्छा नहीं होती ऐसा जीवन आखिर किस काम का।

परिवार की जिम्मेदारी

कई बार यह होता है कि परिवार की जिम्मेदारी व्यक्ति के विकास में आड़े आ जाती है। उस व्यक्ति के पास लक्ष्य तो होता है लेकिन परिवारिक जिम्मेदारी के कारण वह चाह कर भी इस लक्ष्य को पाने की कोशिश नहीं कर पाता।

उसे सफल होने के अवसर भी मिलते हैं पर उसे ऐसे अफसरों की अनदेखी कर देनी पड़ती है। फल स्वरुप जीवन में उसके सफल होने का कोई रास्ता नहीं बचता ऐसे प्रकरणों में कहा जा सकता है कि एक क्षमतावान व्यक्ति को भी expected destination नहीं मिलता।

जरा से में संतोष

अक्सर ऐसे लोग मिलते हैं जो शुरुआती सफलता से ही फूल कर कुप्पा हो जाते हैं। वह ध्यान ही नहीं देते कि उनमें अभी और सफल होने की अपार गुंजाइश है। दरअसल उन्हें एक तरह की असुरक्षा की भावना घेर लेती है। जिसके तहत वह मान लेते हैं कि मुझे जो अभी मिला है वही काफी है।

ऐसे लोग बरसों से चली इस कहावत पर भी चलते हैं कि जितना मिले उसमें संतोष कर लेना चाहिए। जबकि वे यह समझ ही नहीं पाते कि जहां संतोष है वहां अंत है।

दरअसल महान लोग जानते हैं कि वे कुछ नहीं जानते ऐसे लोग स्वीकार करते हैं कि वह गलतियां करते हैं। खुलकर अपने कमजोरी के बारे में बात करते हैं और यह भी बताते हैं कि उन्हें अभी तक क्या सीखना है। इसलिए विकास की निरंतरता के लिए जरूरी है कि हम जीवन में आगे बढ़ने के लगातार प्रयास करते रहे।

जल्दी परिणाम प्राप्त करने की होड़

कुछ लोगो को अपने काम के जल्दी से जल्दी परिणाम प्राप्त करने की दिलचस्पी होती है। वे काम भी उतना नहीं करेंगे और परिणाम भी अच्छे मिलने की उम्मीद करते है। उनसे केवल यही सुनने को मिलता है की इतने दिन हो गए हमें ये काम करते कुछ हासिल तो हो नहीं रहा।

ऐसे लोग जीवन में कोई भी काम टिक कर कर नहीं पाते। वे कोई भी काम या लक्ष्य निर्धारित करेंगे परंतु इंतजार उन्हें बिलकुल पसंद नहीं और उन्हे परिणाम जल्द से जल्द चाहिए। जो भी ऐसा करते है वे किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो पाते जीवन में असफलता उनके पीछे पीछे भागती है।

किसी भी काम को फलने फूलने में टाइम लगता है। धैर्य से परिणाम अच्छे मिलने के विश्वास के साथ दृढ़ता से आगे बढ़ने वाले लोगो को ही सफलता मिलती है।