Nobel Prize process

स्वीडन के वैज्ञानिक Alfred Nobel की पुण्य स्मृति में Nobel Foundation द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाने वाला दुनिया का सर्वोच्च सम्मान Nobel Prize शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान तथा अर्थशास्त्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को प्रदान किया जाता है।

यह एक पुरस्कार है जिसे दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है, जो किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को प्राप्त होने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक का प्रतिनिधित्व (Representation) करता है। हालांकि उस विस्तृत और प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह के पीछे एक सावधानीपूर्वक चयन और मूल्यांकन प्रक्रिया (Selection and evaluation process) निहित है जो शायद ही कभी सार्वजनिक प्रकाश में आती है।

आज हम बात करेंगे Nobel Prize awarding Process के बारे में की कैसे इसकी शुरुआत हुई और कैसे व्यक्ति चुने जाते है इस पुरुस्कार के लिए। परंतु उसके पहले ये जानना जरूरी है की इसके पीछे की कहानी क्या है किसने ये शुरुआत की ओर क्यों।

Nobel Prize की शुरुआत कब हुई

अल्फ्रेड नोबेल स्वीडन के एक महान वैज्ञानिक थे उन्होंने कुल 355 अविष्कार किए थे। उन्हें विस्फोटक शक्तियों की बखूबी समझ थी। साथ ही विकास के लिए निरंतर नई Research की जरूरत का भी पूरा अहसास था।

Nobel prize की शुरुआत अल्फ्रेड द्वारा दिसंबर 1896 में मृत्यु के पहले अपनी अपार संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख देने से हुई। उनकी इच्छा थी कि इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया जाए।

Nobel Foundation द्वारा अल्फ्रेड की स्वीडिश बैंक में जमा राशि के ब्याज द्वारा हर साल यह पुरस्कार दिया जाता है। Nobel Foundation की स्थापना 29 जून 1900 को हुई और 1901 में Nobel Prize दिया जाने लगा था

अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार की शुरुआत 1968 में की गई थी। इस पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति पत्र (citation) के साथ 10 लाख डॉलर की राशि प्रदान की जाती है।

Alfred Nobel कौन थे, उन्होंने Nobel Prize की शुरुआत क्यों की ?

अल्फ्रेड नोबेल का जन्म स्टॉकहोम में उनके पिता आविष्कारक और उद्योगपति इमानुएल नोबेल के घर में हुआ था। थोड़े समय बाद नोबेल परिवार सेंट पीटर्सबर्ग चला गया। वहां नोबेल के पिता जी ने torpedo के विकास पर काम किया और जल्द ही उन्हें विस्फोटक बनाने में Interest बढ़ गया।

अपने पिता के साथ ही अल्फ्रेड को भी विस्फोटक के प्रयोगों में दिलचस्पी हो गई। 17 साल की उमर में ही अल्फ्रेड ने खुद को एक प्रतिभाशाली रसायनज्ञ (Brilliant Chemist) घोषित कर दिया था। उन्होंने पेरिस और USA में भी रसायन विज्ञान का अध्ययन किया। वह विभिन्न आविष्कारों के लिए 355 पेटेंट के मालिक थे।

Alfred Nobel - The Godfather Of Denamite

अल्फ्रेड नोबेल डायनामाइट के अविष्कार के लिए जाने जाते हैं, जो एक शक्तिशाली विस्फोटक होता है। डायनामाइट का प्रयोग उनके जीवित रहते ही सैनिक उद्योगों में सक्रिय रूप से किया जाने लगा था। उनके डायनामाइट के अविष्कार ने औद्योगिक युग में क्रांति ला दी।

लेकिन विस्फोटक और आधुनिक हथियारों के अविष्कार में योगदान देने वाले नोबेल शांतिवाद में भी भरोसा रखते थे। वे हमेशा कहते थे की हथियार देशों की सुरक्षा के लिए है न की बिना मतलब मानवता को तंग करने के लिए।

अल्फ्रेड ने जीवनभर शांतिवादी विचारों का स्वागत किया। किंतु जीवन की एक घटना ने उन्हें बदलकर रख दिया वो थी उनके भाई लुडविग की मृत्यु। 1888 में एक फ्रांसीसी अखबार ने गलती से भाई की मृत्यु की खबर को अल्फ्रेड की मृत्यु की खबर बनाकर प्रकाशित कर दिया और उसका शीर्षक था. "ले मर्चेड डे ला मॉर्ट एस्ट मोर्ट" जिसका मतलब था "मौत का सौदागर मर चुका है"।

इससे नोबेल को गहरा सदमा लगा। नोबेल ने अपनी पूरी संपत्ति नोबेल पुरुस्कार की स्थापना के लिए दे दी, क्योंकि वह खुद को घातक हथियारों के आविष्कारों के बोझ नीचे दबे हुए समझते थे। वे नहीं चाहते थे की लोग उन्हे मौत बाटने वाला कहे। इसलिए उन्होंने अपनी संपत्ति की जमा राशि के ब्याज से हर साल यह पुरुस्कार देने की योजना बनाई ताकि मरने के बाद वे अपना नाम फिर से स्थापित कर सकें।

लेकिन नोबेल पुरुस्कार के विजेता चुनने के पीछे एक लंबी प्रक्रिया होती है जो साल भर चलती है।

नोबेल प्राइज की पूरी प्रक्रिया - Complete process of awarding Nobel Prize

नोबेल पुरस्कार के लिए पूरी प्रक्रिया सितंबर से लेकर अगले साल दिसंबर तक पूरे वर्ष चलती है। सितंबर को यह प्रक्रिया स्टार्ट होती है और अगले साल दिसंबर में विजेता चुने जाते हैं चलिए जानते हैं यह पूरी प्रक्रिया क्या है।

सितंबर से जनवरी नामांकन और नामांकनकर्ता

नोबल चयन प्रक्रिया नामांकन से शुरू होती है। इस चरण को Regulated करने के लिए Body In Charge नॉर्वेजियन नोबेल समिति है, जो नॉर्वेजियन संसद में वोट द्वारा चुने गए पांच बुद्धिजीवियों का एक समूह है। व्यक्तियों का यह समूह प्रत्येक वर्ष अलग-अलग व्यक्तियों (Nominator) का चयन करने का In Charge होता है। जो प्रत्येक Category के लिए नोबेल पुरस्कार Nominate करेंगे।

इस प्रकार पुरस्कार समारोह से पहले वर्ष सितंबर में समिति नामांकन कर्ताओं के रूप में कार्य करने के लिए प्रत्येक शाखा से विभिन्न विशेषज्ञों को निमंत्रण भेजती है यह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ या पिछले नोबेल पुरस्कार विजेता हो सकते हैं।

यह सभी विशेषज्ञ पूरे विश्व में से उन व्यक्तियों का चयन करते है जिनके बारे में उनका मानना है कि वें उस वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने की योग्य है। लेकिन इन विशेषज्ञों को खुद को नामांकित करने का पूरी तरह से प्रतिबंध होता है।

नामांकन करता द्वारा किए जा सकने वाले नामांकन की कोई सीमा नहीं होती। नॉर्वेजियन समिति को प्रत्येक Category के लिए कम से कम 200 नाम प्राप्त होते हैं। और इन नाम को जनवरी के अंत तक नामांकित करना होता है।

फरवरी से मई मूल्यांकन करना - Evaluating Names

एक बार जब समिति के पास उम्मीदवारों की एक Detailed List हो जाती है तो प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण और गहन चरण शुरू होता है वह है प्रस्तावों का मूल्यांकन (Evaluation Of Proposals)। एक समिति इन नामांकनों की जांच करने के बाद प्रारंभिक उम्मीदवारों का चयन करती है।

प्रत्येक Category के लिए ज्ञान के क्षेत्र में व्यापक रूप से योग्य विशेषज्ञ को साथ लाया जाता है जिनकी अपने क्षेत्र में व्यापक प्रतिष्ठा (Wide Reputation) होती है। वे प्रत्येक उम्मीदवार की सभी खूबियों की गहन समीक्षा करते हैं।

फरवरी से लेकर मई तक विशेषज्ञ उम्मीदवारों के उनके जीवन के योगदान, प्रकाशन, अनुसंधान, खोजों, साहित्यक उपलब्धियां, मानवीय परियोजनाओं, शांति प्रयासों या आर्थिक प्रगति का गहराई से अध्ययन करते हैं। इस प्रक्रिया का दायरा अंतरराष्ट्रीय होता है दुनिया के विभिन्न देशों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं यह सुनिश्चित करने के लिए की मूल्यांकन (Evaluation) एक स्पष्ट व्यापक और वैश्विक प्रक्रिया (comprehensive and global process) है। चयनित उम्मीदवारों के बारे में सभी विशेषज्ञों के साथ विचार विमर्श किया जाता है।

जून से सितंबर अंतिम रिपोर्ट

मूल्यांकन प्रक्रिया जितने महीनो तक चलती है चयन समितियां के लिए विभिन्न उम्मीदवारों और उनकी उपलब्धियां के बारे में राय पर चर्चा करने के लिए कई बार Meetings चलती हैं। इन Meetings में सभी विशेषज्ञ विजेताओं के प्रति अपनी राय सांझा करते हैं और उम्मीदवारों की छंटनी करके विजेताओं की एक छोटी सूची बनाने पर विचार विमर्श किया जाता है।

Comety अंतिम नामों के साथ अपनी report तैयार करती है और सितंबर में अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों के नाम नॉर्वेजियन अकादमी के पास भेज दिए जाते हैं।

अक्टूबर से दिसंबर nobel prize का अंतिम चरण

दुनियाभर से चुने गए उम्मीदवारों की एक छोटी सूची नॉर्वेजियन समिति के पास पहुंच जाती है। जिसमे से प्रत्येक Category के लिए विजेताओं की घोषणा के लिए अंतिम बार वोटिंग करवाई जाती है। ये वोटिंग समिति द्वारा चुने गए विशेषज्ञों द्वारा की जाती है

बहुमत के आधार पर उम्मीदवारों की छोटी सूची में से विजेताओं के नामों की घोषणा अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में एक सख्त क्रम में की जाती है और उन विजेताओं को पुरस्कृत करने के लिए समिति उन्हे आमंत्रित करती है। 

दिसंबर के शुरुआत में अंतिम 10 तारीख तक प्रतिदिन एक, सोमवार को चिकित्सा में Nobel Prize Winner से शुरू होकर शुक्रवार शांति विजेताओं के साथ समाप्त होती है। अर्थशास्त्र में Nobel Prize Winner की घोषणा अगले सोमवार को की जाती है।

इस तरह दिसंबर के 10 तारीख तक सभी श्रेणियों में Nobel Prize देने की प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। परंतु नोबेल पुरस्कार की कुछ ऐसी बातें भी ही जिन्हे जानना भी जरूरी है।

How are Nobel Prize winners  chosen

50 सालों की गोपनीयता

लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रत्येक पुरस्कार दिए जाने की 50 साल बाद तक नामांकन सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। यह Nobel Prize का सख्त नियम है की जिन उम्मीदवारों के नामों की छोटी सूची नोबेल विजेता के लिए तैयार की गई थी वह आने वाले 50 सालों तक गुप्त रखे जाते हैं। यह गोपनीयता नॉर्वेजियन समिति के पास सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी होती है।

नोबेल शांति पुरस्कार की समाप्ति के बाद नामांकनकर्ताओं चयन समितियां और नोबेल पुरस्कार के लिए जिम्मेदार संस्थाओं को पूर्ण गोपनीयता की प्रतिबद्धता की शपथ लेनी होती है। जिसके तहत वे नामांकन के बारे में यां चयन से संबंधित चर्चाओं के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी का खुलासा नहीं करने का वादा करते हैं।

कौन सी समितियां करती हैं उम्मीदवारों का चयन

नोबेल पुरस्कार के लिए उम्मीदवारों का चयन कई वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा किया जाता है। सभी संस्थान अलग-अलग श्रेणियां से उम्मीदवार चुनते हैं जैसे

नॉर्वेजियन नोबेल समिति

यह समिति शांति पुरस्कार देने के लिए जिम्मेदार है जो उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्र के भाईचारे को मजबूत करने सेना के निशस्त्रीकरण और शांति के विचारों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मतलब संसार में शांति कायम रखने में इन लोगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। नॉर्वेजियन समिति की स्थापना 1897 में हुई थी और इसमें नॉर्वेजियन संसद द्वारा नियुक्त पांच सदस्य शामिल थे।

केरोलिंस्का इंस्टीट्यूट की नोबल समिति

इस समिति का कार्य प्रतिवर्ष चिकित्सा और शरीर विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खोज करने वाले को नोबेल पुरस्कार प्रदान करना है। केरोलिंसका इंस्टीट्यूट स्वीडन में सबसे आधिकारिक वैज्ञानिक चिकित्सा संस्थान है और विदेशों में वैज्ञानिक सामुदायिक उसे ध्यान में रखता है। मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार के लिए आवेदनों का अध्ययन केरोलिंसक इंस्टिट्यूट के 50 प्रोफेसर द्वारा किया जाता है और वे विजेताओं का चयन भी करते हैं।

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज

इस एकेडमी को physics और chemistry में नोबेल प्राइज देने का अधिकार है और यह Economics में पुरस्कार के विजेता का भी चयन करता है। इस एकेडमी को स्थापना 1739 में विज्ञान के विकास और खोजों के व्यवहारिक अनुप्रोयोगों के लिए समर्पित एक स्वतंत्र संगठन के रूप में की गई थी।

स्वीडिश एकेडमी

यह एक अलग संगठन है जो Literature में नोबेल पुरुस्कार के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए जिम्मेदार है। 1786 में इसकी स्थापना हुई थी इसमें केवल 18 सदस्य हैं जो जीवन भर के लिए चुने जाते हैं।

गणित में नोबेल प्राइज क्यों नहीं दिया जाता

एक कहानी प्रचलित है की अल्फ्रेड ने अपनी पत्नी के प्रेमी से बदला लेने के लिए गणित को नोबेल प्राइज में शामिल नहीं किया क्योंकि पत्नी का प्रेमी गणित की Category में अव्वल था। परंतु सच तो यह है की अल्फ्रेड ने कभी शादी ही नहीं की थी।

गणित को शामिल न करने पर नोबेल ने खुद अपनी वसीयत में कहा है की उन्होंने संतुलित और विचारशील विश्लेषण के बाद प्रासंगिक विषयों (Relevant Topics) को चुना।

सबसे संभावित धरना यह है की नोबेल ने जोर देकर कहा की खोजों से मानवता को लाभ होना चाहिए और शुद्ध गणित शुद्ध गणित ही रहता है इसमें और अधिक खोज संभव नहीं है। गणित दिमाग के लिए एक व्यायाम है।

गणित आमतौर पर भौतिकी, रसायन विज्ञान और अर्थशास्त्र में पहले से ही प्रयोग किया जाता है और इन श्रेणियों में नोबेल प्राइज सटीक रूप से दिया जाता है। इसलिए केवल गणित में मुख्य तौर पर नोबल पुरस्कार नहीं दिया जाता।