'Statue Of Unity' एकता की प्रतीक सरदार वल्लभभाई पटेल जी की दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति जो आज भारत की शोभा बढ़ा रही है। आज हम इस 'Staute Of Unity Detail In Hindi' में बात करेंगे की दुनिया की दूसरी बड़ी Statues में से ये क्यों खास है। 'सरदार वल्लभभाई पटेल' जी देश के शीर्ष नेताओं में रहे हैं, जिनका योगदान देश की आजादी की लड़ाई में ही नहीं बल्कि आजादी के बाद जब वे भारत के पहले गृह मंत्री बने तो देश की 562 रियासतों का एकीकरण किया।
The Times Newspaper ने 1947 को 'सरदार वल्लभभाई पटेल' जी को The Boss कहा था। देश मे भारत के लौह पुरूष के नाम से जाने वाले देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल को कांसे में ढली दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 'Statue Of Unity' को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनके 144वें जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि देते हुए अनावरण किया था।
PROJECT की शुरुआत
देश के 'लौह पुरूष सरदार पटेल' को समर्पित 'Statue Of Unity' को बनाने की घोषणा 7 October 2010 को हुई थी और 31 December 2013 को इसे बनाने की Planning शुरू हुई। 31 October 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी की मौजूदगी में इसकी आधारशिला रखी। 31 October 2014 को Construction का काम शुरू हुआ था।
DESIGN
नर्मदा नदी के बीच मे एक चट्टान के ऊपर इतनी विशाल प्रतिमा को बनाने के लिए जटिल इंजीनियर ओर पूरी मजबूती देने की जरूरत थी। इसका पहला Digital model तैयार करने के कार्य गुजरात सरकार ने जोसेफ मैंना जो अमरीका की सफल 3D Statue Maker है को दिया गया था।
'स्टेचू ऑफ़ यूनिटी' का Model को बनाने के लिए 2011 में अहमदाबाद Airport पद्मभूषण से सम्मानित मूर्तिकार राम वी सुतार द्वारा स्थापित की गई सरदार पटेल की प्रतिमा का अनुसरण किया गया था और प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए भी राम सुतार को ही नियुक्त किया था।
COMPANY
पूरी दुनिया में इसके निर्माण के लिए tender निकाले गए थे और कंपनीज को बुलाया गया था जिनमे से Larson & Turbo कंपनी ने इस tender को अपने हाथ लिया और तेजी से काम शुरू किया।
CONSULTANT
अमेरिकी कम्पनी Turner Construction जिन्होंने दुबई की बुर्ज खलीफा जैसी ऊंची इमारतों को बनाया है उनको इस परियोजना का Consultant नियुक्त किया गया।
ARCHITECT
'Statue of unity' का Architect अमेरिका में Team Disney की बिल्डिंग बनाने वाले Michal graves नियुक्त किया गया। ये गगनचुंबी इमारतों के design बनाने में माहीर हैं। तो चलिए अब जानते है कि कैसे Statue of Unity दुनिया की सभी बड़ी statue की बजाए अधिक खास है
STATUE OF UNITY की खासियत
शूलपाणेश्वर वन्यजीव अभ्यारण्य की विंध्य तथा सतपुडा पहाड़ियों की चमकदार बोसाल्ट चट्टानों के करीब देश की एकता की प्रतीक 'स्टेचू ऑफ यूनिटी' को स्थापित किया गया है।
इस प्रतिमा को बेहद बड़े पैमाने पर बनाया गया है। इसमें एक कॉम्प्लेक्स होटल, एक स्मारक उद्यान तथा एक विज़िटर सेण्टर स्थापित किया गया है। इसीलिए ये प्रतिमा दुनिया की सबसे ज्यादा देखे जाने वाली प्रतिमा बन गई है। आइये जानते है क्या है इसकी ख़ासियत।
WORLD RECORD
October 2018 में बन कर तैयार हुई 'Statue Of Unity' ने सबसे पहले विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का World Record अपने नाम किया। 182 मीटर ऊँची स्टेचू ऑफ़ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा बन गई है। इसके बाद
- चीन की 153 मीटर ऊँची स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा
- 120 मीटर ऊँची जापान की यूशिकू डाईबुत्सु
- 108 मीटर ऊँची चीन की गुआनयिंन ऑफ़ नानशान
- 93 मीटर अमेरिका की स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी
- 91 मीटर रूस की दी मदरलैंड कॉल्स
- 38 मीटर ब्राज़ील की क्राइस्ट द रिडीमर प्रतिमाएं सबसे ऊँची है।
COST - कितना खर्च
27 october 2014 में लार्सन एंड टुब्रो कंपनी ने इस पूरे प्रोजेक्ट को 2989 करोड़ रुपए की बोली लगा कर अपने नाम किया था। इसमें L & T कंपनी ने इसका Design, Construction, Maintenance की पेशकश की थी
STEEL & CEMENT
इसमें 24500 मीट्रिक टन के करीब स्टील का इस्तेमाल हुआ है। 18500 मीट्रिक टन स्टील की छड़ें लगी हैं। 70 हजार मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल हुआ है। 22500 टन कांसे की प्लेटों का इस्तेमाल हुआ है।
BRONZE PLATES - कांसे में ढाला
इसकी कुल लम्बाई 182 मीटर है जिसमें 157 मीटर जगह पर कांसे की प्लेट्स का इस्तेमाल किया गया है ताकि पर्यावरण का प्रभाव न पड़े प्रतिमा पर। कांसे के इस ढांचे को चीन के जियांकसी टोंगक्विंग मैटल हैंडीक्राफ्ट्स में तैयार किया गया है।
MANUFACTURING TIME
L & T इस प्रोजेक्ट पर 2014 में काम करना शुरू किया था। 2500 मजदूरों, 200 इंजीनियर और कई सारे एक्सपर्टों ने दिन रात प्रतिमा पर काम किया जिसके फलस्वरूप 4 साल बाद ये statue of unity बन कर तैयार हुई।
लोहा दान अभियान
लौह पुरुष सरदार पटेल की इस प्रतिमा के लिए भारतीय सरकार ने पूरे देश में लोहा दान करने का अभियान चलाया था। देशवासियों से लोहा दान में मंगा गया था, जिसे पिघला कर प्रतिमा में लगाया जाना था। देशभर के छह लाख गांवो से करीब 5000 मीट्रिक टन लोहा इकठ्ठा हुआ। परन्तु बाद में ये खबरें आई कि ये लोहा प्रतिमा में इस्तेमाल नहीं होकर किन्ही दूसरे कामों में लगाया जाएगा।
GALLERY & MUSEAM
Staue Of Unity के पास दर्शकों के लिए 153 मीटर लम्बी गैलरी बनाई गई है जिसमें एक साथ 200 दर्शक समा सकते हैं। इस प्रतिमा के साथ ही साथ यहां एक म्यूज़ियम में सरदार पटेल के जीवन से जुड़ी घटनाओँ पर लाइट एंड साउंड शो भी होता है।
WALKING PATH - पैदल मार्ग
'स्टेचू ऑफ यूनिटी' के ऊपरी हिस्से में 306 मीटर लम्बा पैदल मार्ग है जो पूरी तरह मार्बल से तैयार किया गया है।
TECHNIQUE - तकनीक
सरदार पटेल की प्रतिमा को बनाने के लिए अत्याधुनिक आर्ट टेक्नोलॉजी, लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग टेक्नोलॉजी ओर टेलिस्कोप का इस्तेमाल किया गया है ताकि यह देखा जा सके कि मूर्ति के अंदर सीमेंट का जुड़ाव ठीक तरह से हुआ है या नहीं।
STRENGTH - मजबूती
Statue of unity को इस तरह से तैयार किया गया है कि तेज भूकम्प का झटका या फिर 60 मीटर प्रति सेकंड रफ्तार वाली हवा भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा सकती।
आदिवासियों को नोकरी
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से हर साल 15 हजार आदिवासियों को नोकरी मिलेगी। परन्तु फिर भी वहां के स्थानीय आदिवासी इसका विरोध कर रहे थे। उनका आरोप है कि उनकी जमीनें इस प्रोजेक्ट के लिए ली गई है।
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